किसान ने धान-गेहूं की खेती छोड़ शुरू की पैसों की खेती, कम लागत में बंपर मुनाफा, हर मौसम में होती है तगड़ी डिमांड
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किसान ने धान-गेहूं की खेती छोड़ शुरू की पैसों की खेती, कम लागत में बंपर मुनाफा, हर मौसम में होती है तगड़ी डिमांड
खेत तक, न्यू दिल्ली, 19 सितम्बर, किसान भाई धीरे-धीरे परम्परागत फसलों जैसे धान और गेहूं को छोड़कर अधिक मुनाफा देने वाली फसलों की ओर बढ़ रहे हैं। बिहार के युवा किसान प्रिंस ने इसी दिशा में कदम उठाते हुए नींबू की खेती की शुरुआत की है। कम लागत और बंपर मुनाफे के साथ, नींबू की खेती एक सफल खेती बनकर उभरी है।
प्रिंस ने 5 कट्ठा जमीन में 100 से अधिक कागजी नींबू के पेड़ लगाए हैं। उनके पिता निर्भय के साथ मिलकर की गई इस पहल से कम लागत में अच्छी कमाई की उम्मीद की जा रही है। प्रिंस के पिता का कहना है कि नींबू की खेती में धान और गेहूं के मुकाबले कम लागत लगती है और अधिक उपज प्राप्त होती है। नींबू का एक पेड़ दो साल में तैयार हो जाता है और शुरुआत में 5-6 किलो फल देता है, जो बढ़ते समय के साथ 20-25 किलो तक हो सकता है।
नींबू की खेती में विशेष रूप से कीड़ों से बचाव के लिए समय-समय पर दवाइयों का छिड़काव करना पड़ता है, लेकिन इसमें अधिक मैनपावर की आवश्यकता नहीं होती। इससे किसानों का समय और श्रम दोनों बचते हैं। साथ ही, हर मौसम में नींबू की डिमांड बनी रहती है, जिससे बाजार में अच्छी कीमत मिलती है।
बीसीए की डिग्री प्राप्त प्रिंस ने पारंपरिक खेती में नए विचारों को अपनाया और नींबू की खेती के साथ-साथ बागवानी, मत्स्य पालन और अन्य कृषि गतिविधियों से अपनी कमाई को संतुलित किया है। उनके इस प्रयास ने यह साबित किया कि धान-गेहूं की परंपरागत खेती के साथ नए प्रयोग करना जरूरी है, ताकि कम मेहनत में अधिक मुनाफा कमाया जा सके।